Bhagavad Gita in Hindi

आज हम Bhagavad Gita in Hindi के बारे में जानिए । Motivation का अर्थ होता है प्रेरणा । Motivation दो प्रकार की होती है । एक Inside तथा दूसरी Outside inside वह motivation होती है जो आपके अंदर होती है । लेकिन outside वह motivation है जो बाहर से होती है ।

Inside motivation अंदर होती है । यह आपकी अपनी होती है यह आप Bhagavad Gita को पढ़कर प्राप्त कर सकते है । Bhagavad Gita में आपके सभी प्रश्न के उत्तर है । Outside motivation बाहर की motivation है । यह motivation बाहर से आती है । हमारे देश में बहुत सारे motivation speaker है ।

लेकिन outside motivation में आग लग जाती है । तो कोई भी भुजा सकता है । लेकिन inside motivation में अंदर से आग लग जाती है । तो इस संसार में को भी भुजा नहीं सकता है । आग लगने का यहाँ यह अभिप्राय है कि जिद्दी आना । inside motivation के लिए आपको भगवद् गीता पढ़नी पढ़ेगी । इसमें आपके सभी समस्या के प्रश्न के उत्तर है । जिससे आप सफल हो सकते है ।

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भगवद् गीता

भगवद् गीता एक motivation किताब है । जो कि पृथ्वी के इतिहास में पहला motivational seminar है । यह दुनिया की पहली motivation किताब है, जिसमें श्री कृष्ण ने 5200 साल पहले भगवद् गीता का ज्ञान अर्जुन को दिया था । भगवद् गीता कोई राजनीतिक पुस्तक नहीं है । भगवद् गीता कोई धार्मिक पुस्तक भी नहीं है । इसमें किसी भी धर्म की बात नहीं की गई है । इसको सभी धर्म के लोग पढ़ सकते है ।

यह एक motivation किताब है । इसमें अर्जुन के प्रश्न और श्री कृष्ण के उत्तर है । क्योंकि अर्जुन युद्ध करने के लिए माना करता है । और कहता है “मैं जीता तो भी हारा, मैं हारा तो भी हारा भी हारा, अगर मैं हारा ही हारा तो मैं युद्ध क्यों करूँ ।” पहला अध्याय तो अर्जुन बोलते है और इसके बाद श्री कृष्ण बोलते है । इसमें अठारह अध्याय है जिसमें की 700 श्लोक है । श्री कृष्ण ने यह ज्ञान अर्जुन को नहीं बोला अर्जुन के मध्य से मुझे, आपको, हम सभी और पूरे संसार को दिया है । अर्जुन को तो 5200 साल पहले दिया लेकिन आपको और मेरे को ज्ञान देने के लिए दुबारा अवतार नहीं लगें ।

सफलता

क्यों ऐसा होता है  की भगवद् गीता पढ़ के चूहा भी शेर बन जाता है । आचार्य चाणक्य, गुरु नानक देव जी, स्वामी विवेकानन्द, महात्मा गाँधी, Albert Einstein, Steve Jobs, Dr. APJ Abdul kalam आदि लोग भगवद् गीता को पढ़कर सफल हुए है ।{वैसे तो बहुत लोग भगवद् गीता को पढ़कर अपने आप को सफल पाई है । सभी के नाम लिखने से article लम्बा हो जाता है ।}

महात्मा गाँधी ने ये सात बाते भी भगवद् गीता से ली है :

1.    मेहनत किए बिना धन कमाना

2.    विचार किए बिना सुख लेना

3.    चरित्र के बिना ज्ञान

4.    संस्कार के बिना व्यापार

5.    इंसानियत के बिना विज्ञान

6.    वैराग्य के बिना भक्ति

7.    सिद्धांत के बिना राजनीति

“The 7 Habits of Highly Effective People” यह एक motivation किताब का नाम है । जिसके लेखक Stephen Covey है । Stephen Covey जब हैदराबाद आए थे । तो उन्होंने public में बोल के गए “मैं सफल इसलिए हूँ क्योंकि हिंदुस्तान के लोग भगवद् गीता नहीं पढ़ते, वे मेरी किताब पढ़ते है । यह सातों के सात habits मैंने भगवद् गीता से तो लिए है ।“ यह किताब भारत में लगभग 20 लाख से अधिक बिकी । आप विदेशी मूल की किताबें पढ़ते है, अपने देश की नहीं । अगर आपको सफल होना है तो भगवद् गीता की किताब को पढ़ना पढ़ेगा ।

समस्या का समाधान

भगवद् गीता हर एक समस्या का समाधान है । हर मनुष्य के जीवन में समस्या आती है । भगवद् गीता जीवन जीने का तरीका बताती है । भगवद् गीता पढ़ने व समझने के बाद आपको सफलता, धन, शक्ति व चरित्र (ईमानदार) मिलती है । ध्यान देने योग्य बात है कि पहले आपको भगवद् गीता को पढ़ना व समझना पड़ेगा तभी आप सफलता पा सकते है ।

लेखक

भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को गीता का पाठ पढ़ाया था । भगवद् गीता को सबसे पहले वेदव्यास ने लिखी थी यह संस्कृति में लिखी गई । क्योंकि उस समय वैदिक काल चल रहा था । बाद  में भगवद् गीता को हिंदी में लिखा गया । इसके बाद में श्री श्रीमद ए.सी. भक्तिवेदांत स्वामी प्रभुपाद ने इसे English में लिखा जिसके बाद पूरी दुनिया में भगवद् गीता को पढ़ा जाता है ।

किताब का महत्व

Smt. Sushma Swaraj (Former Minister of External Affairs of India) ने कई बार लोकसभा में बोला –“भगवद् गीता को राष्ट्र पुस्तक घोषित कर दो ।“ लेकिन अभी तक भारत सरकार ने भगवद् गीता को राष्ट्र पुस्तक घोषित नहीं की है ।

जबकि University of Cambridge और Seton Hall University आदि बड़ी-बड़ी university school-college में भगवद् गीता को पढ़ना compulsory कर दिया है । क्योंकि भगवद् गीता principle के आधार पर काम करती है । इससे मानव की हर समस्या का हल होता है ।

बात यह है की भारत सरकार भगवद् गीता को राष्ट्र पुस्तक घोषित करें या न करें । लेकिन आप भगवद् गीता को जरूर पढ़े ।

किताब के बारे में

भगवद् गीता में अर्जुन के प्रश्न पूछे और श्री कृष्ण के उत्तर दी है । इसमें 700 श्लोक है । जिसमें से 574 श्लोक श्री कृष्ण, 84 श्लोक अर्जुन, 41 श्लोक संजय तथा 1 श्लोक धृतराष्ट ने कहे थे ।

इसमें अठारह अध्याय है । आप ने जीवन में काफी किताबें पढ़ी होगी एक किताब भगवद् गीता की पढ़े । यही आपको सफल बनाएगी ।